Info India News I Astro I सूर्य ग्रहण लायेगा तबाही, खग्रास सूर्य ग्रहण
एक पखवाड़े में दो ग्रहण खतरे की घंटी, भूकंप, सुनामी आदि प्राकृतिक प्रकोप के संकेत
भोपाल। 21 सितंबर रविवार को रात्रि 11 बजे से 1 बजकर 24 मिनट तक सबसे लम्बी अवधि का सूर्यग्रहण होगा। यह खग्रास सूर्य ग्रहण कन्या राशि में होगा। जिसमें संपूर्ण सूर्य का 0.385वां भाग ग्रसित होगा। इस ग्रहण की संपूर्ण अवधि 4 घंटा 24 मिनट की होगी। खग्रास ग्रहण होने के कारण यह विदेशों में शोध का विषय बनेगा। जहां पर यह ग्रहण दृश्य होगा वहां पर कुछ समय के लिए अंधेरा छा जाएगा। इसके पूर्व खग्रास चंद्र ग्रहण भी हुआ था जो भारत में दृश्य था।
पंचांगकार पं. विनोद गौतम ने बताया कि निर्णय सिंधु के अनुसार एक पखवाड़े में दो ग्रहण पड़ना खतरे की घंटी है। चूंकि यह ग्रहण भारत में दृश्य नहीं है अत: दृश्य पर्व होने के कारण इसका सूतक आदि धार्मिक मान्यता नहीं है। परन्तु प्राकृतिक रूप से इस ग्रहण का प्रभाव संपूर्ण पृथ्वी पर परिलक्षित होगा। आगामी 40 दिनों तक प्राकृतिक प्रकोप, भूकंप आदि के योग निर्मित हो रहे हैं। खग्रास सूर्य ग्रहण के समय शनि की दृष्टि सूर्य पर एवं राहु की दृष्टि चंद्रमा पर रहेगी। सूर्य और चंद्रमा आत्मा एवं मन का प्रतिनिधित्व करते हैं। अत: प्राणियों में आत्मिक एवं मानसिक विकृता आएगी। ग्रहण के प्रभाव से भूकंप, सुनामी आदि प्राकृतिक प्रकोप से इंकार नहीं किया जा सकता। 15 दिनों के अंदर दो ग्रहण के संबंध में कहा गया है कि ‘एक पखवाड़े में दो ग्रहणा, राजा मरे की सेना।Ó अत: जहां-जहां यह ग्रहण दृश्य हो रहा है वहां पर इसके व्यापक प्रभाव देखे जा सकेंगे। पं. गौतम ने बताया कि ग्रहण के प्रभाव से संपूर्ण पृथ्वी पर अनिष्ठकारक प्रभाव भी पड़ेंगे। इस दौरान राजाओं में परस्पर बैर एवं अनेक देशों में राजनीतिक उथल-पुथल संभव है। इन दोनों ग्रहणों के प्रभाव से धार्मिक, आर्थिक एवं सामाजिक समरस्ता भंग होगी। ग्रहण का प्रभाव भारत में कम होगा। क्योंकि कन्या राशि का ही स्वामी बुध सूर्य को बल प्रदान कर रहा है। परन्तु अनेक देशों में इसके कुप्रभाव सामने आएंगे।
पं. विनोद गौतम
संचालक
ज्योतिष मठ संस्थान भोपाल
